The best Side of baglamukhi sadhna



तीसरा उपचार: देवी को धूप दिखाना (अथवा अगरबत्ती दिखाना)

देवी के लिए नैवेद्य के पदार्थ बनाते समय मिर्च, नमक और तेल का प्रयोग अल्प मात्रा में करें और घी जैसे सात्विक पदार्थों का प्रयोग अधिक करें। नैवेद्य के लिए सिद्ध (तैयार) की गई थाली में नमक न परोसें। भगवती को नैवेद्य निवेदित करने से पहले अन्न ढककर रखना चाहिए। नैवेद्य समर्पण में सर्वप्रथम इष्टदेवता या इष्टदेवी से प्रार्थना कर भगवती के समक्ष भूमि पर जल से चौकोर मंडल बनाएं तथा उस पर नैवेद्य की थाली रखें। नैवेद्य समर्पण में थाली के सर्व ओर घडी के कांटे की दिशा में एक ही बार जल का मंडल बनाएं। पुनः विपरीत दिशा में जल का मंडल न बनाएं। नैवेद्य निवेदित करते समय ऐसा भाव रखें कि ‘हमारे द्वारा अर्पित नैवेद्य माँ बगलामुखी तक पहुंच रहा है तथा देवी उसे ग्रहण कर रही हैं।’

दीप-आरती तीन बार धीमी गति से उतारें। दीप-आरती उतारते समय बाएं हाथ से घंटी बजाएं। दीप जलाने के संदर्भ में ध्यान में रखने योग्य सूत्र:

हल्दी माला, बगलामुखी यंत्र, माँ बगलामुखी का चित्र अथवा कोई मूर्ति

Maa could be the presiding deity on the Stambh Electricity, that is, she eliminates the anxiety of her devotees and destroys the enemies as well as their evil forces.

Shakthi or Devi is not any distinct from the various energies and It really is amalgamation of top-quality pressure that guards and watches continuously...

धातु की मूर्ति, यंत्र, शालिग्राम इत्यादि हों, तो उन पर जल चढ़ाएं। मिट्टी की मूर्ति हो, तो पुष्प अथवा तुलसीदल से केवल जल छिड़कें। चित्र हो, तो पहले उसे सूखे वस्त्र से पोंछ लें। फिर गीले कपड़े से, पुन: सूखे कपड़े से पोंछें। देवताओं की प्रतिमाओं को पोंछने के लिए प्रयुक्त वस्त्र स्वच्छ हो। website वस्त्र नया हो, तो एक-दो बार पानी में भिगोकर तथा सुखाकर प्रयोग करें। अपने कंधे के उपरने से अथवा धारण किए वस्त्र से देवताओं को न पोंछें।

रात्रि ११ बजे मंगलाचरण के साथ द्वार खोल। देवी स्तुति, गान, पश्चात अस्टोत्री पाठ कथा, जप प्रयोग, हवन सुबह ४ बज, देवी अभिषेक, वस्त्राभूषण, षोडशोपचार पूजन, ध्वज चढ़ाने के पश्चात देवी आरती।

लक्ष्मी कुबेर मंत्र धन प्राप्ति lakshmi kuber mantra dhan prapti …

भगवती की सेवा केवल मंत्र जप से ही नही होती है बल्कि उनके नाम का गुणगान करने से भी होती है । जिस प्रकार नारद ऋषि हर पल भगवान विष्णु का नाम जपते थे, उसी प्रकार सुधी साधको को माँ पीताम्बरा का नाम जप हर पल करना चाहिए एवं अन्य लोगो को भी उनके नाम की महिमा के बारे में बताना चाहिए । मैंने अपने जीवन का केवल एक ही उद्देश्य बनाया है कि माँ पीताम्बरा के नाम को हर व्यक्ति तक पहुंचाना हैा आप सब भी यदि माँ की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आज से ही भगवती के एकाक्षरी मंत्र को अपने जीवन में उतार लीजिए एवं माँ के नाम एवं उनकी महिमा का अधिक से अधिक प्रचार करना शुरू कर दीजिए। साधको के हितार्थ भगवती के बीज मंत्र की जानकारी यहां दे रहा हूँ, भगवती पीताम्बरा आप सब पर कृपा करें । (चेतावनी – बिना मंत्र दीक्षा के भगवती बगलामुखी के मंत्रों का जप नहीं करना चाहिए।)

I had been suffering from dread of struggling with public While all my operate is to help keep meeting new folks and infrequently

नमस्कार के उपरांत देवी के चारों ओर परिक्रमा करें। परिक्रमा करने की सुविधा न हो, तो अपने स्थान पर ही खड़े होकर तीन बार घूम जाएं।

माला पूर्ण प्राण संस्कारित होनी चाहिए

Baglamukhi Puja is a robust Hindu ritual that is understood to generally be hugely powerful in taking away hurdles and

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *